बिजली कर्मियों की हड़ताल: शासन का सख्त रुख, बलिया के 58 समेत 2125 संविदाकर्मी बर्खास्त
बलिया। बिजली कर्मियों की हड़ताल के खिलाफ़ शासन का सख्त रुख देखने को मिला रहा है। बिजली कर्मियों की हड़ताल से जहां आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं लोगों में हाहाकार मची हुई है आलम यह है कि बिजी हड़ताल की कमियों को पूरा करने के लिए प्रशासन के अफसरों को लगाया गया है लेकिन वह भी उनकी कमी को पूरा नहीं कर पा रहा है ऐसे में जनता का आक्रोश अंदर ही अंदर ज्वाला बन कर कभी भी पड़ सकता है हाल में है कि कई मोहल्लों में 4 दिन से बिजली न होने के चलते लोगों को बिजली पानी जैसी बुनियादी समस्याओं से जंग करना पड़ रहा है वही आसपास के इलाकों में लगे हैंडपंप खराब होने के चलते और भी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में संविदा पर काम करने वाले विभाग के 2125 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करते हुए निकाल दिया है. जिनमें बलिया जिले के 58 संविदाकर्मी शामिल है।
इसके अलावा निगम की ओर से गाजीपुर, बस्ती और फतेहपुर के अलग-अलग थानों में 23 नामजद लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें 20 संविदा कर्मी, 2 जेई और एक अधिकारी शामिल है। पूर्वांचल डिस्कॉम के निदेशक कार्मिक शेष कुमार बघेल ने इस कार्रवाई की जानकारी दी. बताया गया है की
बर्खास्त संविदा कर्मचारियों में वाराणसी के 372, आजमगढ़ के 251, प्रतापगढ़ के 100, बलिया के 58, चंदौली के 25 मऊ के 16 और कुशीनगर के 150 शामिल हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्वांचल डिस्कॉम में अभी बड़ी पैमाने पर कार्रवाई बाकी है।
बता दें बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर तल्ख दिखे थे। सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीएम ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी से कहा कि ऐसी व्यवस्था कराएं कि जनता को दिक्कत न होने पाए।