बजट से बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद पर निराशा लगी हाथ : डॉ घनश्याम
बलिया: विशिष्ट बी.टी.सी.शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे ने प्रस्तुत केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट से शिक्षक/ कर्मचारियों(कर्मयोगियों) को बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद पर निराशा हाँथ लगी है यह अलग बात है कि टैक्स स्लैब में आंशिक राहत देकर उनके जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की गई है।
बजट में 6 टैक्स स्लैब को कम कर 5 स्लैब में परिवर्तित किया गया है।नए टैक्स स्लैब में 7 लाख की वार्षिक आय को कर मुक्त रखा गया है जो पहले 5 लाख थी वही पुराने टैक्ससेशन व्यवस्था में 3 लाख की वार्षिक आय को करमुक्त रखा गया है वही 3 लाख से 6 लाख की इनकम पर5℅+ शिक्षा उपकर के साथ,6लाख से 9 लाख तक इनकम पर 10℅ +शिक्षा उपकर के साथ,9 लाख से 12 लाख वार्षिक इनकम पर15℅ +शिक्षा उपकर के साथ,12 लाख से 15 लाख तक वार्षिक इनकम 20℅ +शिक्षा उपकर के साथ व15 लाख से अधिक 30 ℅ +शिक्षा उपकर के साथ टैक्स स्लैब निर्धारित कर कर्मचारियों को राहत दी गई है।वहीं दूसरे तरफ देखा जाय तो बजट में साहित्यिक शब्दों की जाल बुना गया है PPP माध्यम से राष्ट्र को मजबूत बनाने का दिवास्वप्न बुना गया है।वाहन स्क्रेपिंग के जरिये वाहन उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की कवायद की गई है। राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना द्वारा युवाओं के कौशल विकास की बात तो कही गई है लेकिन स्किल्ड डब्लपमेंट के उपरान्त रोजगार सृजन पर कोई प्राविधान नहीं किया गया है। एम.एस. एम.ई.ऋण योजना के सहारे राष्ट्रीय विकास का लक्ष्य तय किया गया है। बजट में कहीं भी महंगाई को कम करने व प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाने का कोई ठोस प्राविधान नहीं किया गया है।