कोरोना काल में ही कर्ज में डूबा था, गन व्यवसायी ‘ नंदलाल ‘
बलिया। कुशल व्यवहार से कम दिनों में असलहा कारोबार में गन व्यवसायी नन्दलाल ने अपने धंधे में अच्छी पैठ बना ली थी। बाहर से अच्छी क्वालिटी के पिस्टल, रिवाल्वर और राइफल लाकर अच्छे मुनाफा पर बेचता था। लेकिन कोरोना कॉल में इसके व्यवसाय की मंदी में ने कमर तोड़ कर रख दिया. वहीं से डूबना शुरु हुआ तो फिर कर्ज के काली कोठरी में डूबता ही चला गया.
कोरोनाकाल के पूर्व व्यवसाय ठीक चलने से कर्ज लेने के बाद भी सभी का समय से पैसा वापस लौटा दे रहा था. अच्छी आमदनी होने पर नंदलाल ने पत्नी के नाम पर चंद्रशेखर नगर में प्लाट और उसके बगल में खुद के नाम से तीन मंजिला घर को भी खरीदा था। इसे आरोपियों के बैनामा कराने के बाद ही नन्दलाल ने फेसबुक पर लाइव आकर आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा, अमृतपाली में एक प्लाट लिया था।
परिजनों के अनुसार, मेरठ और कानपुर के असलहा कारतूस व्यवसायियों से हमेशा हथियार की खरीद-फरोख्त होता रहता था। कोरानाकाल के दौरान इनके यहां करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपया फंस गया। इन लोगों ने असलहा और कारतूस भी देना बंद कर दिया। यहीं से नंदलाल की स्थिति खराब होनी शुरू हो गई। कोरोनाकाल के बाद असलहा कारोबार बंद हो गया।
सूदखोरों का ब्याज राकेट की भांति बढ़कर मूलधन से भी ज्यादा हो गया। एक दूसरे से लेकर नंदलाल ने मुख्य आरोपियों का पैसा वापस लौटा दिया था। यह बातें नंदलाल ने आत्महत्या के पूर्व लाइव वीडियो में कही थी। नंदलाल चंद्रशेखर नगर वाला तीन मंजिला घर को बेचकर सभी का कर्ज लौटाने के चक्कर में था लेकिन उस पर हनुमान व सिंघाल की नजर थी। ब्याज का पैसा लौटाने के बहाने दोनों दबाव बनाने लगे थे. जिससे परेशान नंदलाल ने अपने एक जमीन का मुहायदा करने के बाद फेसबुक पर लाइव आकर अपनी दुकान में कनपटी पर रिवाल्वर सटाकर गोली मारकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली.