गरमाता जा रहा है ज़मीन मुआवजे का मुद्दा
मुआवजे की बहुत कम रकम लेने को तैयार नहीं भू-स्वामी
मुआवजे के मुद्दे पर किसानों के साथ, सुप्रिया
महराजगंज। एन एच 24 के चौड़ीकरण हेतु जमीनों के अधिग्रहण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। अधिग्रहित जमीनों के मुआवजे को लेकर किसान या भू स्वामी काफी गुस्से में है। जिला प्रशासन यदि भू स्वामी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच मध्यस्थता को आगे नहीं आया तो मामला गंभीर हो सकता।
बता दें कि गोरखपुर जिले के कौड़िया जंगल से लेकर नेपाल सीमा के सोनौली तक एन एच 24 को फोर लेन किया जाना है। इसके लिए सड़क किनारे के जमीनों के अधिग्रहित करने का काम शुरू हो गया है। इसमें यह भी गौरतलब है कि सत्ता पक्ष के वे रसूखदार जिनकी जमीनें या मकान अधिग्रहण की चपेट में आती”उन्होंने अपने रसूख के दम पर अधिग्रहण की दिशा ही बदलवा दी।
अधिग्रहण का खेल यह है कि जिन जमीनों की कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से दस लाख रुपए डिसमिल है,उसका मुआवजा मात्र एक या डेढ़ लाख से लेकर 60 हजार तक ही है। मुआवजे की यह रकम अलग अलग है। अधिग्रहण की जद में शहरी क्षेत्र में पड़ने वाले जमीनों का मुआवजा 60 हजार डिसमिल तक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों का मुआवजा एक या डेढ़ लाख प्रति डिसमिल तक है। भू स्वामियों को मुआवजे के इस असमानता को लेकर भी गुस्सा है।
जिले के फरेंदा तहसील के ग्रामसभा महादेवा बुजुर्ग के करीब 22 किसानों की भी जमीनें अधिग्रहित हो रही है। यह गांव हाल ही नगर पंचायत आनंदनगर में समायोजित हो गई है। यहां हाईवे पर जमीनों का दाम दस लाख रुपए डिसमिल है। जिनकी जमीनें अधिग्रहित हो रही है, उन्हें अधिकतम 60 हजार डिसमिल की दर से मुआवजा मिलना है क्योंकि यह शहरी क्षेत्र में है। ये किसान अपनी जमीनें किसी कीमत पर देने को तैयार नहीं है। वे कहते हैं कि यह हमारी थाती है। अमूमन तो हम इसे देना नहीं चाहेंगे,यदि सरकार के दबाव में देना पड़ तो कौड़ियों के दाम कत्तई नहीं।
गांव के प्रधान रहे रघुवंश चौधरी कहते हैं कि अधिग्रहण के नाम पर सड़क विभाग की दादागिरी है। किसकी कितनी जमीनें अधिग्रहित हैं, बिना इसके चिन्हांकन के अधिग्रहण का काम शुरू है। हमने न्याय के लिए प्रदेश से लेकर दिल्ली तक14 जिम्मेदार महकमे के आला अफसरों को पत्र लिखा है, जवाब कहीं से नहीं आया,हां हमारे कुछ पत्र बिना रिसीव किए वापस जरूर आ गए।
यह मामला राजनीतिक मुद्दा भी बनता जा रहा है। शुक्रवार को जिले में आईं कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत से भी पूर्व प्रधान रघुवंश चौधरी ने मुलाकात कर इस समस्या से अवगत कराया। सुप्रिया श्रीनेत ने इस मामले को सरकार के कान तक पंहुचा कर न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। साथ ही कहा है कि इस मुद्दे पर वे भूस्वामियों के साथ हैं।
वहीं मुआवजे के मुद्दे पर किसानों और भूस्वामियों के साथ हो रहे अन्याय की लड़ाई लड़ रहे इंजिनियर उमा माहेश्वर सिंह उर्फ चौधरी साहब ने कहा कि वे इसे अंजाम तक पंहुचा कर दम लेंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे दिल्ली जाकर सत्ता पक्ष सहित विपक्ष के नेता राहुल गांधी,आप सांसद संजय सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आदि से मिलकर मदद का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसान नेता राकेश सिंह टिकैत से भी मिलकर महराजगंज आकर किसानों की समस्याओं से रूबरू होने की अपील करेंगे।