देश की सर्वोच्च न्यायालय में लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के लिए नियम और दिशा निर्देश बनाने के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है। एडवोकेट ममता रानी दायर की ओर से दायर याचिका में लिव-इन संबंधों के रजिस्ट्रेशन के लिए नियम बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि- “माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कई बाद लिव-इन पार्टनर्स के लिए सुरक्षा उपलब्ध कराई है। कई ऐसे फैसले पारित किए हैं, जिन्होंने लिव-इन पार्टनर्स, चाहे वह महिला हों, पुरुष हों या यहां तक कि ऐसे रिश्ते से पैदा हुए बच्चे भी, के लिए सुरक्षा पैदा करने का प्रभाव डाला है।” याचिका में प्रस्तुत किया गया है कि चूंकि लिव-इन संबंधों को कवर करने के लिए कोई नियम और दिशानिर्देश नहीं हैं, इसलिए लिव-इन संबंधी अपराधों में भारी वृद्धि हुई है, जिसमें बलात्कार और हत्या जैसे प्रमुख अपराध भी शामिल हैं।
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