जेपी के सिद्धान्तों को तिलांजलि देकर कांग्रेस की गोद में बैठे हैं नीतीश कुमार: अमित शाह

लोकनायक जेपी की 120वीं जयंती पर गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा को किया सम्बोधित

सरकार ने जेपी के सर्वोदय से अंत्योदय को जोड़कर देश का किया विकास: अमित शाह
बलिया । देश के गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को जयप्रकाश नारायण की बिहार के हिस्से वाली जन्मस्थली सिताब दियारा पहुंचे। वहां जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का अनावरण किया और जनसभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्तालोलुप करार दिया। गृह मंत्री ने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए नीतीश कुमार ने जेपी के सिद्धांतों की तिलांजली दे दी और अब कांग्रेस की गोद में बैठ गये।

लोकनायक के सिद्धांतों को साकार कर रहे पीएम मोदी
सिताब दियारा में आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि मैं बहुत छोटा था तो एक नारा सुना था. अंधेरे में एक प्रकाश… जयप्रकाश-जयप्रकाश. उसी नारे पर गुजरात और बिहार के युवा सत्ता परिवर्तन को लेकर एकजुट हुए थे। साथ में संपूर्ण क्रांति का भी नारा दिया था. संपूर्ण क्रांति के नारे को किसी भी कांग्रेसी ने सफल बनाने का काम नहीं किया. यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया . अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने देशभर के सात करोड़ गरीबों को उनके जीवन स्तर को ऊपर लाने का काम किया है.
जेपी की जन्मस्थली पर बनेगा रिसर्च सेंटर
अमित शाह ने कहा कि जेपी के विचार से प्रभावित होकर नौजवान उनके अनुयायी बने इसके लिए जन्मस्थली पर प्रतिमा बनाई गई है. जेपी के सिद्धांतों के लिए उनके गांव के अंदर स्मारक बनाया गया है. यहां पर रिसर्च सेंटर भी बनने वाला है. यहां पर विद्यार्थियों के लिए रिसर्च की सुविधा भी मिलने वाली है. जेपी का सिद्धांत ग्रामीण विकास का सिद्धांत कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसका बहुत बड़ा स्थान यहां बनने वाला है. कहा कि लोकनायक जयप्रकाश ने कई क्षेत्रों में बहुत योगदान दिया है. आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है. देशभर में लोग जयप्रकाश नारायण को याद कर रहे हैं. जेपी के सिद्धांतों को हम जिंदा रखेंगे तो देश को आगे बढ़ाने की युवा शक्ति प्राप्त होगी.
इसके बाद जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार की मिलन स्थान पर जेपी का जन्म हुआ था। जयप्रकाश नारायण का जीवन विशिष्ट रहा है। आजादी के लिए क्रांति के रास्ते भी लड़े। गांधी जी के बताए रास्ते पर भी चले। पूरा जीवन भूमिहीनों और दलितों-पिछड़ों के लिए गुजारा। जेपी का सबसे बड़ा योगदान सत्तर के दशक में देश में आपातकाल डाला गया तो उन्होंने आंदोलन किया। तब लोकनायक जेल भी गए। श्री शाह ने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं। जहां से इंदिरा गांधी के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृत्व जेपी ने किया। आपातकाल हटा तो विपक्ष को जेपी ने संगठित और एक किया। जेपी ने यह दिखाया कि परिवर्तन कैसे किया जाता है। देश में मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। वह आठ साल से जेपी के सर्वोदय के नारे को अंत्योदय के साथ जोड़कर देश का विकास किया। गरीब कल्याण की नई परम्परा जोड़ी है। ढाई साल तक हर गरीब को फ्री राशन देना हो या बिजली देना हो, मोदी जी ने दिया। हर गांव सड़क से जुड़ा। मैंने एक नारा सुना था, “अंधेरे में एक प्रकाश, जयप्रकाश-जयप्रकाश”। सम्पूर्ण क्रांति के नारे को मोदी ने सफल किया है। 1974 में जब जेपी ने बिहार में आंदोलन किया, तब सारी विचार धाराओं के छात्र एकत्रित हुए थे, जो जेपी का नाम लेकर जेपी आंदोलन से उपजे नेता आज सत्ता से चिपके हुए हैं, उनसे सहमत हैं क्या, इस पर लोगों ने ना में सिर हिलाया। बिहार के लोगों को तय करना होगा कि जेपी के रास्ते पर चलने वाली मोदी सरकार चाहिए कि सत्ता के लिए गठजोड़ कर सत्ता हथियाने वाले लोग चाहिए।
जयप्रकाश नारायण स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त, संजय जायसवाल, नित्यानन्द राय, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, राधामोहन सिंह, सांसद राजीव प्रताप रूड़ी, सुशील मोदी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, नीरज शेखर, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, विनय कुमार व हरीश द्विवेदी आदि थे।