किशोरी कांड: सातवें दिन जिंदगी की जंग हार गई पीड़िता
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पूरे प्रकरण में सत्ता पक्ष के प्रभारी मंत्री व पूर्व मंत्री ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाते हुए पीड़ित पक्ष की मदद का भरोसा दिलाया था
बलिया। नगरा थाना क्षेत्र के सिकरहटा में खून से लथपथ बेहोशी की हालत में मिली किशोरी आखिर घटना के 7वें दिन जिंदगी की जंग हार गयी और बीएचयू में इलाज के दौरान मौत के आगोश के समा गयी। उसके साथ हुई घटना के सारे राज उसके साथ ही दफन हो गए। ऐसे में गांव के लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है।
नगरा थाना क्षेत्र में 14 अक्टूबर की शाम को अपने गांव के इंटर कालेज में रावण बध का मेला देखने गयी 13 वर्षीय किशोरी मेले से घर नहीं पहुंची। अगले दिन थाना क्षेत्र के ही सिकरहटा गांव के पास सड़क किनारे खून से लथपथ बेहोशी की हालत में एक किशोरी मिली थी। जिसके हाथ की नसों को धारदार हथियार से काटे जाने का निशान था। उसकी हालत देख लोग दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रयास की आशंका जता रहे थे। जिसकी पहचान मेले में गायब किशोरी के रुप में कई गयी थी। सुबह शौच को निकले ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा ले गए जहां डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां भी उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये वाराणसी के लिए डॉक्टरों में रेफर कर दिया। उस दिन से उसका इलाज वाराणसी चल रहा था। लेकिन घटना के बाद आखिरी क्षण तक उसको होश नहीं आया। शुक्रवार की शाम को उसकी मौत हो गयी। घटना के सारे उसके मौत के साथ ही दफन हो गए।
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