वकीलों ने दो दिन न्यायिक कार्य से विरत रहने का लिया निर्णय, बार कॉउन्सिल पर भी नाराजगी

बलिया: बार काउंसिल उप्र के अध्यक्ष के वायरल पत्र के बाद वकीलों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है इस पत्र के बाद वकीलों ने क्रिमिनल बार के सभागार में बैठक की. जिसमें शुक्रवार व शनिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस दौरान वकीलों ने कहा कि हम हापुड़ के वकीलों के साथ हैं. ऐसे में बार काउंसिल द्वारा हड़ताल खत्म करना न्याय संगत नहीं है. वास्तविक स्थिति जानने के लिए समस्त अधिवक्ता 2 दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे.

क्रिमिनल एंड रेवेन्यू बार संगठन व सिविल बार एसोसिएशन के वकीलों ने संयुक्त बार की बैठक में दो दिन न्यायिक कार्य से विरत रहने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया. वकीलों ने कहा कि बार काउंसिल के अध्यक्ष ने सरकार के पक्ष में एकतरफा निर्णय लिया हैं. हापुड़ के पीड़ित वकीलों के साथ अन्याय है. ऐसे में हम हापुड़ के वकीलों के साथ हैं. इस दौरान वकीलों ने सिविल कोर्ट परिसर में जोरदार तरीके से नारेबाजी की. इस मौके पर क्रिमिनल बार के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्र, सिविल बार के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार दुबे , महासचिव अनिल कुमार मिश्र, कुबेर नाथ पाण्डेय, उपाध्यक्ष शिवकुमार तिवारी, पंकज गुप्ता, वरुण पाण्डेय, उमाशंकर तिवारी, सत्यप्रकाश यादव, विवेकानंद पाण्डेय, श्री शंकर फौजदार, अवध नारायण यादव, बृजेश सिंह चौहान, योगेश्वर यादव, गणेशानंद मिश्र आदि, मनोज तिवारी, अशोक वर्मा, राम विचार यादव, सोनू गुप्ता, त्रिदेव तिवारी आदि अधिवक्ता शामिल रहे.

जिले के वकीलों का मत था कि हापुड़ बार एसोसिएशन का निर्णय सही हैं, उनके समर्थन में जिले के सभी बार एसोसिएशन को सहयोग करना चाहिए। प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा गठित एसआईटी में हापुड़, बलिया जनपद सहित 10 जिलों के बार के अध्यक्ष गणों को शामिल किया जाना चाहिए. कहा कि वास्तव में हम बलिया के वकीलों को हापुड़ प्रकरण न्याय चाहिए. इस कठिन समय में हम उनके समर्थन में है। हड़ताल न्याय मिलने तक जारी रखेंगे.