मधुमेह के बढ़ते प्रभाव से अक्सर आते हैं हार्टअटैक : प्रो.एके श्रीवास्तव

हार्ट अटैक से बचने के लिए तनाव को कम करना बहुत जरूरी
बलिया : बलिया मेडिकल एसोसिएशन व डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल गोमती नगर लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार कि शाम नगर के एक निजी होटल में मधुमेह का ह्रदय पर प्रभाव विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें मधुमेह से हृदय को होने वाले नुकसान के बारे में प्रो. ए. के. श्रीवास्तव ने विस्तार से चर्चा किया. कहा कि शुगर की मात्रा शरीर में संतुलित रहे इसके लिए जरूरी है कि हम अपने को मानसिक तनाव को दूर रखें, परिश्रम करते रहे, व्यायाम भी नियमित करें. अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो वह हमारे शरीर के शुगर लेवल को अनियंत्रित कर देता है.

वरिष्ठ हृदय रोग के सर्जन प्रो. डॉ ए.के. श्रीवास्तव ने चिकित्सकों को बताया कि आज के आधुनिक युग में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग की समस्या आम बात हो गई है। भारत में काफी लोग मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रसित है। अनियमित जीवनचर्या और खानपान के साथ-साथ मानसिक तनाव लोगों के बीच तेजी से फैल रहा है। इस वजह से लोगों को तमाम बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि अगर समय रहते जांच पड़ताल करा कर उचित तरीके से जीवनचर्या और व्यायाम इत्यादि किया जाए इन सारी समस्याओं से बचा जा सकता है और जीवन के एक बड़े खतरे और आर्थिक क्षति से बचा जा सकता है. प्रोफेसर एके श्रीवास्तव ने कहा कि डायबिटीज पूरे विश्व के लिए भयंकर समस्या बन गई है भारत में तो अकेले पांच करोड़ से भी ज्यादा डायबिटीज के मरीज है वर्तमान समय में भारत में डायबिटीज रोग की राजधानी हो गई है.

उन्होंने बताया कि ब्लड शुगर, तनाव, मोटापा कम ना करना, ज्यादा मीठा खाना डायबिटीज को बढ़ाने में मदद करता है. माता-पिता से भी बच्चों में यह बीमारी आ सकती है. ब्लड शुगर शरीर के सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो सबसे अधिक वह हृदय की धमनियों को प्रभावित करता है. ह्रदय के साथ-साथ ह्रदय और धमनियों को संकुचित करके रक्त के प्रवाह की मात्रा को कम कर देता है. जिससे मानव शरीर प्रवाहित होने वाली धमनिया संकुचित हो जाती है और रक्त का प्रवाह धीमा होने से मांसपेशियों में ऑक्सीजन कम पहुंचने लगता है जिसे सीने में दर्द शुरू हो जाता है. कहा कि ज्यादातर लोग डायबिटीज के बारे में गंभीरता से नहीं सोचते हैं. शुरुआत में ही अगर इस पर नियंत्रण किया जाए तो वह मानव शरीर के लिए खतरनाक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि धमनियों में अवरोध होने से ही हार्टअटैक होता है. डायबिटीज मानव शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है एक समय ऐसा आता है कि वह मानव शरीर को नुकसान पहुंचा देता है. मानव शरीर में ब्लड शुगर अधिक हो जाने से यह कभी-कभी साइलेंट हार्ट अटैक होता है. इस इस मौके पर डॉ डी राय, डॉ ए के गुप्त, डॉ. आरके केजरीवाल, डॉ बिनोद कुमार गुप्ता, डॉ शशिकला सिंह, डॉ पी के सिंह ने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एके श्रीवास्तव एवं उनकी पत्नी को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र एवं बुके देकर सम्मानित किया.