सूदखोरी प्रकरण : सात आरोपियों ने खुद बहस कर कोर्ट से ले लिया जमानत, शहर में अटकलों का बाजार गर्म
बलिया: शहर कोतवाली क्षेत्र के गन व्यवसायी नन्दलाल गुप्ता के फेसबुक पर लाइव आकर आत्महत्या करने के मामले में वकीलों के हड़ताल के बावजूद भी अभियुक्तों की बहस सुनकर जिला व सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सात आरोपियों को एक-एक लाख रूपये के बंधपत्र इतनी राशि के प्रतिभू देने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. सूदखोरी के मामले में सात आरोपियों को एक साथ जमानत दिए जाने को लेकर शहर में तरह-तरह के अटकलों का बाजार गर्म है.
बता दे कि सूदखोरी के मामले में हनुमान सिंह उर्फ रणजीत सिंह, आलोक सिंह उर्फ पिंटू सिंह, राजीव कुमार मिश्रा उर्फ राजीव कुमार, शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह अजय सिंह सिंघाल, देव नारायण सिंह और पूना सिंह व सुनील कुमार मिश्र जिला कारागार से अपनी जमानत याचिका जिला जज के यहां दाखिल किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए जिला जज ने सभी को जमानत का हकदार माना और उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. शहर कोतवाली क्षेत्र के मालगोदाम रोड स्थित बलिया आर्म्स कारपोरेशन के मालिक असलहा व्यापारी नंदलाल गुप्ता बुधवार की दोपहर फेसबुक पर लाइव आकर अपनी पीड़ा आमजन के सामने रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई थी. इसमें बताया था कि सुदखोरों के बढ़ते दबाव व आतंक के चलते अपनी इहलीला समाप्त कर रहे हैं. इसके बाद शहर सहित ग्रामीण इलाकों में घटना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई. घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण के लिए भेज दिया था. इस मामले में मृतका की पत्नी मोनी गुप्ता ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. जिसमें मुख्य रूप से हनुमान सिंह, शैलेंद्र सिंह पप्पू, अजय सिंह सिंघाल, देव नारायण सिंह पूना, सहजानंद सिंह, अनिल चौबे, राहुल चौबे, रोहित चौबे, अखिलेश प्रताप सिंह, आलोक सिंह, सुनील मिश्रा, राजू मिश्रा, मेसर्स ज्योति आर्मो व सिंह रिंकल कानपुर के साथ ही चार पांच अन्य लोगों के खिलाफ तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.