तिरंगे में लिपटा शहीद जवान का पार्थिव शरीर पहुंचते ही गांव में मचा कोहराम

माटी के लाल के दर्शन को उमड पड़ी हजारों कि भीड़
बलिया : तिरंगे में लिपटे शहीद जवान का पार्थिव शरीर पहुंचते ही घर-परिवार में जहां कोहराम मच गया, वहीं हजारों की भीड़ अपने माटी के लाल के दर्शन को उमड पड़ी। हर कोई अपने लाल की एक झलक पाने को बेचैन था। सुनील पांडेय अमर रहे, अमर रहे… की गूंज के बीच लोगों के चेहरे पर हत्यारों के खिलाफ गुस्सा साफ दिख रहा था। हजारों की संख्या में तिरंगे के साथ शहीद जवान की शव यात्रा निकली, जो गंगा नदी के हुकुमछपरा घाट पर पहुंची। वहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि 12 वर्षीय पुत्र सत्यम ने दी।

इससे पहले सीआरपीएफ जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हवा में तीन चक्र फायरिंग कर अपने साथी को अंतिम विदाई दी।और दोनों बेटों का रोते-रोते बुरा हाल है। शहीद की पत्नी अर्चना की स्थिति यह है कि पति के गम में वह बेहोश हो जा रही थी. इलाहाबाद ग्रुप सेण्टर से भर्ती हुए थे सुनील पांडेय के मन में शुरूआती दिनों से ही देश सेवा की भावना थी। नतीजतन 20 सितंबर 2007 को वे इलाहाबाद ग्रुप सेंटर से सीआरपीएफ में भर्ती हो गये। 117 बटालियन, 197 बटालियन में कार्य करते हुए 28 फरवरी 2020 से सुनील 186 बटालियन में सेवा दे रहे थे। उनकी तैनाती सीआरपीएफ के इंटेलिजेंस विभाग में थी। असम-अरूणाचल की सीमा पर मिशन ड्यूटी के दौरान बदमाशों ने 6 सितम्बर को सुनील की हत्या कर दी थी।


बेकार नहीं जायेगी सुनील की शहादत
सीआरपीएफ के आईजी सतपाल रावत ने शहीद सुनील की पत्नी अर्चना व पिता रामनाथ पांडेय को ढाढस बंधाते हुए कहा कि सुनील की शहादत बेकार नहीं जाएगी। सुनील की हत्या करने वाले सलाखों के पीछे होंगे। विभाग की तरफ से मिलने वाली हर सुविधा आपको उपलब्ध कराई जाएगी। बेटे बालिग होने पर विभाग के नियमानुसार प्राथमिकता के आधार पर उन्हें नौकरी भी दी जाएगी। सीआरपीएफ के आईजी ने विभाग के तरफ से मिलने वाली सहायता राशि व तिरंगे को वृद्घ पिता के हाथों में सौंपा। पिता ने कहा हमें अपने बेटे पर गर्व है कि वह देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है.

शहीद के नाम पर गांव में बनेगी सड़क व गेट
ग्रामीणों की मांग पर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने शहीद के नाम पर सड़क व गेट बनवाने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप मिलने वाली हर सहायता राशि उपलब्ध कराने में हर संभव मदद की जाएगी।
