कलेक्ट्रेट में वकीलों का जोरदार प्रदर्शन, ग्राम न्यायालय के विरोध में लगाए नारे

बलिया: ग्राम न्यायालय के विरोध में सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन के क्रम में गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में वकीलों ने जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसके उपरांत जिलाधिकारी को पत्रक सौंप कर इस प्रकरण में शासन के मुख्यमंत्री व देश प्रधानमंत्री को अवगत कराने की मांग की.

वकीलों ने कहा कि शासन और प्रशासन के गलत नीतियों के चलते अधिवक्ता अपने ही हक के साथ न्याय नहीं करा पा रहा है. ऐसे में दूसरों को न्याय दिलाने की परिकल्पना कोरी साबित हो रही है. कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के उपरांत सिविल कोर्ट के वकीलों ने कहा कि हम लोगों को ग्राम न्यायालय का विरोध नहीं करना चाहिए. लेकिन जिस प्रकार सरकार की नीतियां बता रही हैं कि देश में गरीबों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. ग्राम न्यायालयों की आवश्यकता उस समय थी जब ग्राम से जिला मुख्यालय की दूरी 50 से 60 किलोमीटर हुआ करती थी और लोग बैलगाड़ी पर सवार होकर मुकदमा लड़ने के लिए गांव से जिला मुख्यालय आया करते थे. अभी हम साधन संपन्न हुए हैं हमारे वादकारी 100 किलोमीटर की दूरी से भी नियत समय से पहले न्यायालय में पहुंच जाता है.

जिस समय ग्राम न्यायालय का क़ानून पारित किया गया था. उस समय भी लागू कर दिया गया होता तो शायद कुछ हद तक ग्राम में रहने वाले ग्राम के गरीब व गुरबत में जीने वालों को न्याय के लिए सूली पर नहीं लटकाना पड़ता. आज तो ग्राम न्यायालयों का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता. जिस प्रकार सरकार की मंशा है की ग्रामीणों को त्वरित न्याय मिले वह परिकल्पना पूर्ण नहीं की जा सकती है. क्रिमिनल बार के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्रा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार के गलत नीतियों के चलते सभी कार्यालयों में पीठासीन न्यायिक अधिकारियों, पेशकार, अर्दली, स्टेनो, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है. ऐसे में जिला मुख्यालय से लेकर हाईकोर्ट व सर्वोच्च न्यायालय तक इस द्वंद से खुद युद्ध कर रहा है. ऐसे में सरकार के अफसरों ने एक बार भी नहीं पूछा कि आपके पास समस्याएं क्या हैं. मुकदमे का निस्तारण वर्षों तक क्यों नहीं हो पाता है. उसे तो बस ग्राम न्यायालय के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने है. जो हम पूर्ण नहीं होने देंगे. अधिवक्ताओं ने कहा कि हम जनप्रतिनिधियों को भी इस बाबत पत्रक देंगे और उन के माध्यम से शासन तक यह बात पहुंचाएंगे कि अगर ग्राम न्यायालय वास्तव में जरूरी है तो हर गांव में ग्राम न्यायालय, हर जिले में हाई कोर्ट की बेंच और प्रदेश स्तर पर एक सुप्रीम कोर्ट की बेंच भी बनाई जाए. इस मौके पर दी सिविल बार के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार दुबे, महासचिव अनिल कुमार मिश्रा, कुबेर नाथ पांडेय, उमाशंकर तिवारी, सत्य प्रकाश यादव, विवेकानंद पांडेय, मनोज राय हंस, विवेक सिंह, जेपी सिंह, अखिलेश सिंह, संतोष सिंह, राजेश कुमार सिंह, श्री शंकर राम फौजदार, कमलेश यादव, संजय राव, हरिशंकर यादव, अखिलेश यादव, अजय कुमार सिंह, धीरज कुमार ठाकुर आदि मौजूद रहे.